दुल्हन के श्रृंगार में चार चांद लगा रही हैं विनीता शिंदे


टॉप एंड टाउन हेयर एंड ब्यूटी। यह संस्थान गुना के लिए अब नया नाम नहीं है। संस्थान की संचालक विनीता शिन्दे ने अपने संस्थान के जरिए गुना को ब्यूटी के क्षेत्र में नया आयाम प्रदान किया है। खासकर, दुल्हनों की खूबसूरती को निखाने में विनीता शिन्दे और उनका संस्थान अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। टॉप एंड टाउन हेयर एंड ब्यूटी का शहर में क्या महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि दुल्हन बनने के लिए इस ब्यूटी पार्लर को युवतियां पहली पसंद मानती हैं। टॉप एंड टाउन हेयर एंड ब्यूटी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए विनीता शिंदे ने कड़ी मेहनत की है। उनके पिता श्री लक्ष्मण राव फालके और माताजी श्रीमती चन्द्र बाई फालके ने अपनी बेटी की ब्यूटी के क्षेत्र में सेवाएं देने की मंशा को समझा और भरपूर सहयोग किया। विनीता शिंदे तकरीबन 10 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं और पारंगत होने की वजह से शहर की महिलाएं सजने-संवरने के लिए विनीता शिंदे से परामर्श लेना नहीं भूलतीं। महिला सैलून और पार्लर का संचालन करने के बाद विनीता शिंदे ने अपनी व्यवसाय को धीरे-धीरे इस लायक बनाया कि यह शहर की युवतियों, महिलाओं की आवश्यकता पूरी कर सके। उनके निरंतर अपने सैलून व पार्लर को अपडेट किया और उसे महानगरों की तर्ज पर तैयार कराया। ताकि गुना जैसे अपेक्षाकृत छोटे शहर में भी सुंदरता को संसाधनों की वजह से पीछे न रहना पड़े। विनीता शिंदे स्वयं सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहती हैं। वह जेसीआई महिला विंग की अध्यक्ष रह चुकी हैं और अपने कार्यकाल के दौरान कई सामाजिक कार्यों के जरिए इस संगठन को आगे बढ़ाया है। सामाजिक एवं धार्मिक आयोजनों में भी उनकी खासी रुचि है और व्यस्त रहने के बावजूद अपना योगदान देती रहती हैं। विनीता ने गुना की कई युवतियों को ब्यूटी पार्लर का निशुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया। कामकाजी महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया। विनीता शिंदे अपने अथक परिश्रम से उस मिथक को भी पीछे छोड़ रहा हैं, जब कहा जाता है कि व्यवसायिक क्षेत्र में महिलाओं का आगे आना संभव नहीं है। विनीता ने अपनी सूझबूझ और कार्ययोजना के क्रियान्वयन से अपने संस्थान को बुलंदियों के ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया है। वह गुना शहर की महिलाओं को संदेश देते हुई कहती हैं कि महिलाएं इच्छाशक्ति के जरिए हर मुश्किल काम को भी आसान बना सकती हैं। हालांकि इस इच्छाशक्ति से सफलता का सफर प्राप्त करने वाली विनीता शिंदे स्वयं के संघर्ष को प्रचारित नहीं करती हैं। इसलिए उनसे जुड़े संगठन और सामाजिक प्रतिनिधि उनकी प्रशंसा करते हैं।