गुना। बिजली कम्पनी द्वारा गुना सहित मध्यप्रदेश के कई शहरों में प्री-पेड स्मार्ट मीटर योजना लागू करने के निर्णय का विरोध शुरु हो गया है। शुक्रवार को सोशल युनिटी सेंटर ऑफ इंडिया एसयूसीआई ने बिजली कम्पनी के निर्णय को जन विरोधी बताते हुए बिजली कम्पनी दफ्तर के सामने और लक्ष्मीगंज क्षेत्र में प्रदर्शन किए।
एसयूसीआई के मुताबिक प्री-पेड स्मार्ट मीटर वर्षों पुराने उपभोक्ताओं के लोकतांत्रिक अधिकार पहले इस्तेमाल फिर भुगतान की परिपाटी को पहले भुगतान फिर इस्तेमाल में बदल देगा। इतना ही नहीं प्री-पेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की बिजली सप्लाई रोकने या काटने से 15 दिन पहले सूचना दिए जाने के अधिकार को भी खारिज करता है। सीधे शब्दों में कहें तो प्री-पेड मीटर एक मोबाइल की तरह है, जो आम जनता के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा। एसयूसीआई द्वारा किए गए प्रदर्शन को पार्टी के जिला सचिव मनीष श्रीवास्तव, ट्रेड यूनियन लीडर नरेंद्र भदौरिया, मनोज रजक ने संबोधित करते हुए जम्मू, छत्तीसगढ़, बिहार जैसे राज्यों का उदाहरण दिया। नेताओं के मुताबिक इन राज्यों में रहने वाले नागरिकों और उपभोक्ताओं के लिए प्री-पेड स्मार्ट मीटर का अनुभव अच्छा नहीं रहा है, इस नई तकनीकी के लागू होते ही उनके बिलों में 5 से 6 फीसदी का इजाफा हुआ है। इससे पता चलता है कि प्री-पेड स्मार्ट मीटर लोगों के लिए कितने ज्यादा घातक सिद्ध हो सकते हैं।