गुना। करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए पुरानी कलेक्ट्रेट परिसर में कई तकनीकी खामियां हैं, जिनका अब तक स्थाई समाधान नहीं हो सका है। जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक परिसर कभी रूफ वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने की वजह से चर्चाओं में रहता है तो अधिकांश समय इस भवन में लगी लिफ्ट भी बंद पड़ी रहती है। वर्तमान समय में भी कलेक्ट्रेट की लिफ्ट खराब हो चुकी है, जिससे दिव्यांगजनों के साथ-साथ दिव्यांग अधिकारी, कर्मचारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी सामने आई है कि नवीन कलेक्ट्रेट भवन की लिफ्ट लगभग 2 महीनों से खराब पड़ी हुई है। इस लिफ्ट को दुरुस्त कराने के लिए एक बार में 80 हजार से एक लाख रुपाए तक का खर्च आता है। करीब 6 महीने पहले भी लिफ्ट को दुरुस्त करवाया गया था, लेकिन इसकी गुणवत्ता या तकनीक में खामी होने की वजह से लिफ्ट बार-बार खराब हो जाती है। लिफ्ट को ठीक करने के लिए ग्वालियर से कर्मचारी बुलाने पड़ते हैं, जिसमें काफी समय भी लग जाता है। आपको बता दें कि नवीन कलेक्टे्रट परिसर में ग्राउंड फ्लोर से फस्र्ट और सेकंड फ्लोर तक जाने के लिए दिव्यांगजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिले में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर डॉ. संजीव खेमरिया का दफ्तर भी कलेक्ट्रेट के दूसरे तल पर है। ऐसे में भी उन्हें भी अपने दफ्तर तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। बार-बार लिफ्ट खराब होने से प्रशासनिक भवन की गुणवत्ता और इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक भी शंका के दायरे में आ रही है।