गुना। होम्योपैथिक चिकित्सकों के प्रदेश स्तरीय संगठन आइडियल क्योर एसोसिएशन समिति ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन सिंह यादव से मॉडर्न मेडिसिन यानी एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है। होम्थ्योपैथिक चिकित्सकों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया है कि वे एमबीबीएस की तरह साढ़े 5 सालों तक पढ़ाई करते हैं, इसके बावजूद उन्हें झोलाछाप चिकित्सकों के समान देखा जाता है।
मुख्यमंत्री के अलावा चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल और आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार के नाम भेजे गए ज्ञापन में सुझाव दिया है कि मध्यप्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए 25 से 30 हजार पंजीकृत होम्योपैथिक चिकित्सकों को 6 महीने की अतिरिक्त मेडिसिन या ट्रेनिंग कोर्स कराकर मॉडर्न मेडिसिन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है। ऐसा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 में पारित नेशनल मेडिकल कमिशनल बिल का हवाला दिया गया है, जिसमें राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपनी चिकित्सा सुविधाएं बेहतर करने के लिए आयुष चिकित्सकों को भी सर्टिफिकेट या एडिशनल कोर्स कराने के लिए कानून ला सकती हैं। आइडियल क्योर एसोसिएशन के मुताबिक इस तरह का सर्टिफिकेट कोर्स महाराष्ट्र सरकार लागू कर चुकी हैं, जिसके बाद वहां स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है। समिति के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार इस तरह का कोर्स लागू करती है तो गरीबों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा समय पर उपलब्ध होगी और प्रदेश में बेरोजगार होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा प्रदेश की चिकित्सा सुविधाओं में व्याप्त स्तर पर सुधार हो जाएगा, जिसके लिए मध्यप्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत रही है। संगठन ने सरकार को जल्द ही कानून के तहत कोर्स लागू करने की मांग की है।