शिवराज के वायदे पूरे नहीं होने से नाराज संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी


गुना। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाएं संभालने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। शुरुआत सोमवार को ज्ञापन देने के साथ हुई है, 22 जुलाई को प्रदेश की राजधानी में कूच किया जाएगा। इसके बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो साल 2023 की तरह 24 में भी बड़ा आंदोलन करने की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल, स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकांश जिम्मा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाले प्रदेश के 32 हजार कर्मचारियों के कंधों पर ही टिका हुआ है। महत्वपूर्ण महकमे के महत्वपूर्ण कर्मचारी होने के बावजूद सरकार ने इनसे किया हुआ वायदा नहीं निभाया है। इससे नाराज होकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शनिवार को मिशन संचालक के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग पहुंचाई है। बताया गया है कि एक साल पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने संविदा नीति में बदलते करते हुए दावा किया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह ही वेतन और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, इसमें अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान भी था। लेकिन शिवराज सरकार की घोषणा को एक साल की अवधि पूरी हो चुकी है। उन्हीं की पार्टी के मुख्यमंत्री अब प्रदेश की सत्ता संभाल रहे हैं, जो संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से किए गए वायदों को पूरी तरह दरकिनार कर बैठे हुए हैं। लिहाजा सरकार को उसकी ही घोषणा याद दिलाने के लिए संविदा कर्मचारियों ने आंदोलन की शुरुआत कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकार उनकी जायज मांगों पर गौर नहीं करती है तो क्रमबद्ध तरीके से विरोध जारी रखा जाएगा।