गुना। प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम राजस्व महा अभियान 2.0 के दौरान पटवारियों ने मैदानी स्तर पर आ रहीं समस्याओं को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया है। इसको लेकर प्रांतीय पटवारी संघ के आव्हान पर जिलेभर के पटवारियों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है।
पटवारियों ने बताया कि ई-डायरी के अंतर्गत उनकी गूगल लोकेशन साझा करने के निर्देश दिए हैं। इसको अपनी निजता का हनन और अप्रासंगिक बताते हुए पटवारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। साथ ही राजस्व महाअभियान के द्वितीय चरण (2.0) को क्रियान्वयन करने में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयां जैसे कि खेतों में फसलें खड़ी होने और जलभराव के कारण जरीब चलाकर तरमीम उठाना संभव नहीं है। लेकिन अगर राजस्व अधिकारी अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में पटवारी पर दबाव बनाकर नक्शा तरमीम का कार्य करवाएंगे औऱ इसके चलते अगर गलत तरमीन उठती है तो पटवारी को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे, संबंधित किसान भी बेवजह परेशान होंगे। ज्ञापन में बताया गया है कि गुना जिले में बंदोबस्त न हो पाने के कारण 1958-59 के आधार पर पुराने नक्शे ही प्रचलन में है। इस दौरान जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र क्षेत्र का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि अधिकांश गांव वन सीमा के अंतर्गत आते हैं। वन सीमा के अंदर पटवारियों को बटांकन के अधिकार ही नहीं है। इसी प्रकार नामांतरण, बंटवारे के प्रकरणों में पटवारी को केवल वस्तु स्थिति की रिपोर्ट लगानी होती है। लेकिन पटवारी द्वारा रिपोर्ट लगने के बाद भी 6 माह तक तहसील न्यायालय से आदेश नहीं होते और आदेश हो भी जाएं तो अमल-दरामत के लिए बाबू द्वारा पटवारी को फाइलें नहीं बताई जाती। ज्ञापन के दौरान पटवारी केजी मीना, महेंद्रसिंह किरार, विश्वनाथ रघुवंशी, प्रमोद शर्मा, महेंद्र शर्मा, शिव शंकर, राजेश वर्मा, मुरारीलाल, अजय द्वारा स्वामित्व योजना में 7500 रुपए प्रति गांव के हिसाब से राशि, एग्रीस्टेक भत्ता, नायब तहसीलदार, प्रमोशन परीक्षा का आयोजन पटवारी का राजस्व निरीक्षक पद पर प्रमोशन और गुणवत्तापूर्ण एंड्राइड मोबाइल और लैपटॉप उपलब्ध कराए जाने की मांग भी रखी गई है।